12 तरह के खाद्य पदार्थ: आपकी डाइट में कौन से फूड्स जरूर शामिल होने चाहिए? | My Kitchen Diary

 
खाद्य पदार्थों के 12 प्रमुख प्रकार

हम जो खाते हैं, वो हर रोज़ की ज़िंदगी में हमारे शरीर और मन दोनों पर असर डालता है। हर तरह के खाने का अपना असर होता है, और ये खास पोषक तत्वों और उनके फायदों के हिसाब से अलग-अलग कैटेगरी में आता है। जब हम संतुलित आहार लेते हैं, तो हमारे शरीर को न सिर्फ ज़रूरी ऊर्जा मिलती है, बल्कि ये हमारी बढ़त, मरम्मत और शारीरिक कामकाजी को भी सही तरीके से चलाने में मदद करता है। पर क्या आप जानते हैं कि सही खानपान सिर्फ शरीर ही नहीं, हमारे दिमाग और मूड को भी काफी असर करता है? हां, सही आहार ना केवल शरीर को बल देता है, बल्कि तनाव कम करने और मूड को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। संतुलित आहार का मतलब ये है कि शरीर को हर तरह के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन, खनिज, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स सही मात्रा में मिलें। सोचो, अगर एक दिन सब्ज़ी में नमक डालना भूल जाओ या चाय में शक्कर ज़्यादा डाल दी, तो कैसा लगेगा? ठीक ऐसे ही, अगर शरीर को सही पोषक तत्व ना मिलें, तो वो कमजोर हो सकता है और बीमारियों के लिए ज्यादा संवेदनशील हो सकता है। और हां, आप भी ना देखिए, कई बार जब हमारी डाइट सही नहीं होती, तो शरीर आलसी महसूस करता है, कभी मूड डाउन हो जाता है, कभी चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। तो, इस बार जब आप अपनी डाइट के बारे में सोचें, तो ये समझिए कि ये सिर्फ खाने की बात नहीं, बल्कि हर दिन की खुशी और ऊर्जा की बात है। और आज मैं आपको बताने वाला हूं कुछ ऐसी खास खाद्य सामग्री के बारे में, जिन्हें अपनी डाइट में शामिल करके आप ना केवल स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि खुद को भी ताज़गी और खुशी महसूस करा सकते हैं।


1. अनाज और साबुत अनाज (Grains and Whole Grains)

जब बात होती है हमारे खाने में ऊर्जा की, तो साबुत अनाज का नाम सबसे पहले आता है। गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, रागी, ओट्स ये सभी हमारे लिए ऊर्जा के बड़े अच्छे स्रोत हैं। और ये सिर्फ ऊर्जा ही नहीं, हमारे शरीर को ज़रूरी फाइबर, विटामिन बी और एंटीऑक्सीडेंट्स भी देते हैं, जो पाचन और हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। वैसे, आप खुद ही सोचिए, जब कभी भी भूख लगी हो और कुछ हल्का-फुल्का खाना हो, तो ओट्स या बाजरे की रोटी कितनी बढ़िया रहती है, है ना? अब बात करते हैं बेहतर विकल्पों की। सफेद चावल और मैदा के मुकाबले ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन आटा ज्यादा फायदेमंद होते हैं। ये ना सिर्फ शरीर को बेहतर पोषण देते हैं, बल्कि इनसे पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है। मतलब, पेट की घंटी और भूख की समस्या कम हो जाती है, और हमें बार-बार खाने का मन नहीं करता। इसके अलावा, साबुत अनाज जैसे कि ओट्स या बाजरा, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करते हैं। ये उन लोगों के लिए खास हैं, जिनका शुगर लेवल कभी-कभी ऊपर नीचे हो जाता है। और तो और, लंबे समय तक खाने के बाद पेट में हल्का-सा संतोष भी महसूस होता है, जो अक्सर सफेद चावल या मैदा खाने से नहीं होता। तो अगली बार जब आप किसी आहार की प्लानिंग करें, थोड़ा ध्यान दें कि साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें। ये आपकी सेहत के लिए एक छोटा सा कदम, लेकिन बड़ा बदलाव साबित हो सकता है!

अनाज और साबुत अनाज


2. फल (Fruits)

फलों का हमारे शरीर के लिए क्या मतलब होता है, ये हम सभी जानते हैं। सेब, केला, संतरा, आम, अनार, और बेरीज़ जैसे फल हमारे लिए ना सिर्फ स्वाद में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी सुपरफूड्स हैं। ये फल विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं और त्वचा को निखारने में मदद करते हैं। सोचिए, दिन की शुरुआत अगर एक ताजे आम के साथ हो तो कैसी ताजगी मिलेगी!मौसमी फल होते हैं तो और भी बेहतर। ये न सिर्फ अधिक पोषक होते हैं, बल्कि इनकी मिठास भी एकदम नेचुरल होती है। और, आपको पता है, सर्दी हो या गर्मी, इन मौसमों के फल शरीर के लिए एकदम फिट होते हैं। जब भी हम मौसमी फल खाते हैं, तो हमारी बॉडी को हर मौसम के हिसाब से पोषण मिलता है। एक और खास बात है फलों में पानी की मात्रा। ये हमें हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं और शरीर के अंदरूनी हिस्सों को भी ठंडा रखते हैं। साथ ही, पाचन तंत्र भी अच्छे से काम करता है, जिससे पेट में कोई भी भारीपन नहीं महसूस होता। और वैसे भी, शरीर में पानी की कमी होने पर थकान और आलस महसूस होने लगता है, तो इन फलों से ना केवल हाइड्रेशन मिलता है, बल्कि हमारी एनर्जी भी बनी रहती है। जब आप बाजार जाएं, अपने लिए कुछ ताजे फल लाकर खाइए। ये न सिर्फ पेट भरने का काम करेंगे, बल्कि पूरे दिन को भी शानदार बना देंगे!

फल


3. सब्जियां (Vegetables)

अगर आप चाहते हैं कि आपका शरीर मजबूत रहे और बीमारियों से दूर रहे, तो हरी-हरी सब्जियां आपकी पहली पसंद होनी चाहिए। पालक, मेथी, सरसों, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली ये सब ऐसे सुपरफूड्स हैं, जो विटामिन A, C, K, फाइबर और आयरन का बेहतरीन स्रोत होते हैं। मतलब, इनमें हर वो चीज़ है, जो शरीर को न सिर्फ स्वस्थ रखे, बल्कि उसे ताकत भी दे। जैसे पालक खाने से शरीर में आयरन बढ़ता है, वैसे ही ब्रोकली से शरीर के लिए ज़रूरी एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं। और गाजर तो वैसे भी आँखों के लिए जानी जाती है, तो उसे हल्का नज़रअंदाज़ कैसे कर सकते हैं! अब, अगर आप चाहते हैं कि ये सब्ज़ियां अपने सारे फायदे दिखा पाएं, तो ध्यान रखें कि इन्हें हल्की भाप में पकाना या कच्चा खाना ज़्यादा फायदेमंद होता है। सोचिए, जब हम ज्यादा तेल में सब्ज़ी पकाते हैं तो वो पोषक तत्व थोड़े कम हो जाते हैं। लेकिन अगर आप उन्हें हल्की भाप में पकाएं या कच्चा खाएं, तो ये न सिर्फ स्वाद में बेहतर लगती हैं, बल्कि इनमें मौजूद सभी पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। इसके अलावा, इन सब्ज़ियों में जो एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, वो हमारी कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को थोड़ा धीमा कर सकते हैं। मतलब, ये ना सिर्फ हमें स्वस्थ रखते हैं, बल्कि हमें उम्र के साथ जवान भी महसूस करवा सकते हैं। अब ये तो बहुत ही शानदार बात हो गई, है ना? जब आप अपनी डाइट में बदलाव करें, हरी सब्जियों को जगह जरूर दें। ये आपकी सेहत के लिए सस्ता और सटीक इलाज साबित हो सकता है!

सब्जियां


4. दालें और बीन्स (Legumes and Pulses)

जब बात आती है प्रोटीन और फाइबर की, तो दालें हमारे लिए किसी सुपरफूड से कम नहीं होतीं। राजमा, चना, मूंग, मसूर, अरहर की दाल इनमें वो सारी चीज़ें हैं जो हमारे शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए चाहिए। ये दालें न केवल हमारे पाचन को बेहतर बनाती हैं, बल्कि मांसपेशियों के विकास में भी मदद करती हैं। वैसे भी, एक अच्छा प्लेट राजमा या चना, कितनी सुकून वाली बात होती है, है ना? अब एक खास बात है, अगर आप चाहते हैं कि इन दालों का पोषण और भी बेहतर तरीके से मिले, तो अंकुरित दालें खाना ज़्यादा फायदेमंद होता है। अंकुरित दालें ना सिर्फ जल्दी पचती हैं, बल्कि इनका पोषण भी ज्यादा होता है। सोचिए, वो छोटी-सी ग्रीन दाल जो हम अंकुरित करते हैं, उसमें कितने सारे फायदे छुपे होते हैं, जो शरीर के लिए बढ़िया होते हैं। इसके अलावा, दालों का एक और बड़ा फायदा है ये हमारे हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं। हां, सही सुना आपने! दालें कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करती हैं, जिससे दिल को लंबा और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। और अब ये तो सबको पता है, आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में दिल की सेहत पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जब आप अपनी डाइट में कुछ हेल्दी जोड़ें, तो दालों को ना भूलें। ये ना सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि शरीर को भीतर से मजबूत बनाने में मदद करती हैं!

दालें और बीन्स


5. डेयरी उत्पाद (Dairy Products)

जब बात आती है हड्डियों को मजबूत बनाने और पाचन को सही रखने की, तो डेयरी उत्पाद हमारे लिए किसी खजाने से कम नहीं होते। दूध, दही, पनीर और छाछ ये सभी चीज़ें हमारे शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स प्रदान करती हैं, जो ना सिर्फ हमारी हड्डियों को मजबूत बनाती हैं, बल्कि पाचन को भी सुधारने में मदद करती हैं। सोचिए, एक अच्छा गिलास छाछ या ताजे दही के साथ खाना कितना राहत भरा हो सकता है, है ना?अब, खास बात ये है कि दही में जो प्रोबायोटिक्स होते हैं, वो पाचन के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। प्रोबायोटिक्स की मदद से हमारा पेट अच्छे बैक्टीरिया से भर जाता है, जिससे पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है और कोई भी पेट की समस्या नहीं होती। यानि कि दही सिर्फ स्वाद में अच्छा नहीं, बल्कि पेट को भी शांति और आराम देता है। इसके अलावा, अगर आप वजन कम करने या उसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं, तो लो-फैट डेयरी उत्पाद जैसे कि लो-फैट दूध या पनीर भी अच्छे ऑप्शन होते हैं। ये ना सिर्फ आपके वजन को नियंत्रण में रखते हैं, बल्कि हड्डियों को भी मजबूती प्रदान करते हैं। तो चाहे वजन कम करना हो या हड्डियां मजबूत बनानी हों, ये डेयरी उत्पाद हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे। तो अगली बार जब आप अपने आहार में बदलाव करें, दूध, दही और पनीर को जरूर शामिल करें। ये आपकी सेहत के लिए छोटा सा कदम, लेकिन बहुत बड़ा बदलाव साबित हो सकता है!

डेयरी उत्पाद


6. मांस और अंडे (Meat and Eggs)

चिकन, मटन, मछली, और अंडे ये सभी प्रोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं, जो हमारी मांसपेशियों के विकास और मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इन खाद्य पदार्थों में विटामिन B12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी भरपूर होते हैं, जो शरीर के लिए एकदम जरूरी होते हैं। आप खुद सोचिए, एक अच्छा प्लेट चिकन या मटन, साथ में थोड़ा सा अंडा, ये कितना मज़ेदार और पोषक होता है, है ना? अब, अगर आप शाकाहारी हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है। पनीर और टोफू जैसे खाद्य पदार्थ प्रोटीन के बेहतरीन विकल्प होते हैं। ये आपके शरीर को वो सारे पोषक तत्व देते हैं जो आपको जरूरत होती है, और साथ ही ये भी आपके स्वाद का ख्याल रखते हैं। तो अगर आप मांसाहार नहीं खाते, तो पनीर और टोफू को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसके अलावा, मांस और अंडे आयरन का भी अच्छा स्रोत होते हैं, जो एनीमिया से बचाने में मदद करते हैं। आयरन से शरीर को खून की कमी नहीं होने पाती, और हम खुद को हल्का और फिट महसूस करते हैं। खासकर अगर आपकी बॉडी को थोड़ी अतिरिक्त ताकत की जरूरत हो, तो इनसे बेहतर कुछ नहीं। जब आप प्रोटीन के बारे में सोचें, तो चिकन, मटन, मछली और अंडे के बारे में भी सोचें। ये ना केवल आपकी मांसपेशियों को मजबूत करेंगे, बल्कि आपकी सेहत को भी सुधारेंगे!

मांस और अंडे


7. नट्स और बीज (Nuts and Seeds)

जब बात आती है अच्छे वसा, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स की, तो नट्स और बीज हमारे लिए किसी खजाने से कम नहीं होते। बादाम, अखरोट, काजू, सूरजमुखी के बीज, चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स ये सभी न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। इनसे हमें स्वस्थ वसा मिलती है, जो हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करती है। एक मुट्ठी बादाम या अखरोट, दिन की शुरुआत को एकदम सही बना सकती है! अब, खास बात ये है कि अगर आप रोज़ाना एक मुट्ठी नट्स और बीज खाते हैं, तो आपको संपूर्ण पोषण मिल जाता है। ये छोटे-छोटे बीज और नट्स शरीर को वो सब पोषक तत्व देते हैं जो हमें पूरी दिनचर्या में चाहिए। और, जो लोग कहते हैं न कि "स्वस्थ खाना boring होता है," वो शायद नट्स और बीज के मज़े नहीं जानते। सच में, एक मुट्ठी काजू या चिया सीड्स के साथ आपकी डाइट ना केवल सही रहती है, बल्कि मजेदार भी होती है। इसके अलावा, नट्स और बीज हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करते हैं और त्वचा की चमक बनाए रखते हैं। यानी, अगर आप चाहते हैं कि आपकी हड्डियाँ भी स्ट्रॉन्ग रहें और त्वचा हमेशा ताजगी से भरी दिखे, तो इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें। इतना तो तय है कि एक मुट्ठी नट्स से आप ना केवल खुद को पोषण देंगे, बल्कि पूरे दिन भर की एनर्जी भी मिल जाएगी। जब आप कुछ हल्का-सा स्नैक करें, तो नट्स और बीज को जरूर अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। ये आपके शरीर और मन दोनों के लिए एक बेहतरीन टॉनिक हो सकते हैं!

नट्स और बीज


8. वसा और तेल (Fats and Oils)

अब अगर खाने की बात हो रही हो और उसमें तेल-घी की बात न हो, तो लगे कुछ अधूरा सा, है ना? जैतून का तेल, नारियल तेल, सरसों का तेल, देसी घी, मक्खन ये सब वो चीज़ें हैं जो हमारे खाने का स्वाद तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही हमारे शरीर को ज़रूरी ऊर्जा भी देते हैं। और ये सिर्फ खाना पकाने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इनसे हार्मोनल बैलेंस भी बना रहता है, जो आजकल की लाइफस्टाइल में बड़ा जरूरी हो गया है। अब बात करते हैं ज़रा उस हिस्से की जो अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाता है हमें ट्रांस फैट और प्रोसेस्ड तेल से दूर रहना चाहिए। वो जो मार्केट में सस्ते वाले रिफाइंड ऑयल मिलते हैं ना, जो दिखने में तो हल्के लगते हैं लेकिन असल में शरीर के लिए उतने ही भारी होते हैं। इनसे धीरे-धीरे शरीर को नुकसान होता है, खासकर दिल से जुड़ी परेशानियाँ। तो जितना हो सके, घर में पुराने तरीकों से निकले तेल या देसी घी का इस्तेमाल ज़्यादा फायदेमंद होता है। अब एक और ज़रूरी बात जो हेल्दी फैट्स होते हैं, जैसे सरसों का तेल या घी वगैरह, ये हमारे दिल की सेहत का ख्याल रखते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कंट्रोल में रखते हैं। यानी अगर सही मात्रा में लिया जाए, तो ये वसा शरीर के लिए ज़हर नहीं, बल्कि ज़रूरी दवा जैसी होती है। और देसी घी में जो सौंधापन होता है, वो खाने को बस एक अलग ही लेवल पर ले जाता है, जो रिफाइंड ऑयल कभी नहीं दे सकता। तो अगली बार जब आप रसोई में तेल चुनने जाएं, ज़रा सोच समझ के फैसला करें। थोड़ा देसी जाएं, थोड़ा हेल्दी सोचें और फिर देखिए, आपके खाने और सेहत दोनों में कैसा गजब का बदलाव आता है।

वसा और तेल


9. समुद्री भोजन (Seafood)

अगर आप समंदर की खुशबू और खाने का शौक रखते हैं, तो मछली, केकड़ा, और झींगा जैसे समुद्री भोजन आपके लिए किसी ट्रीट से कम नहीं हैं। ये सिर्फ स्वाद में ही नहीं, पोषण में भी बहुत आगे हैं। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन D और ढेर सारे मिनरल्स होते हैं, जो हमारे दिल और दिमाग दोनों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। मतलब, दिल को फिट रखने से लेकर सोचने-समझने की ताकत तक ये सब कुछ बढ़ाते हैं। अब बात करें थोड़ी क्वालिटी की ताजा समुद्री खाना ज्यादा पोषण देता है। वो फ्रोजन वाली चीज़ें जो महीनों तक फ्रीजर में रखी रहती हैं, उनमें वो ताजगी और असर नहीं होता। जब आप सीधा बाजार से ताजा मछली लाते हो, तो उसके पोषक तत्वों की बात ही अलग होती है। स्वाद भी ज़्यादा अच्छा और सेहत के लिए भी एकदम परफेक्ट। और हां, एक और छुपा हुआ फायदा समुद्री खाने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है और ये शरीर में सूजन को भी कम करता है। मतलब जो जोड़ों में अकड़न या हल्की सूजन रहती है, उसमें भी राहत मिल सकती है। और जब आँखें तेज़ हों और दिमाग एकदम शार्प, तो लाइफ की स्पीड और भी मज़ेदार हो जाती है। जब कभी आप सोचें कि खाने में कुछ अलग किया जाए, तो मछली या झींगे को ज़रूर एक मौका दें। ये सिर्फ स्वाद नहीं देंगे, बल्कि आपकी सेहत को भी नई चमक देंगे एकदम समंदर वाली ताज़गी के साथ।

समुद्री भोजन


10. प्रोबायोटिक्स और फर्मेंटेड फूड्स (Probiotics and Fermented Foods)

अब बात करते हैं फर्मेंटेड फूड्स की यानी वो खाने जो समय लेकर बनते हैं, लेकिन एक बार बन जाएं तो पेट और सेहत दोनों का मूड ठीक कर देते हैं। दही, छाछ, इडली, डोसा, अचार, किमची जैसी चीज़ें सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बढ़ातीं, बल्कि पाचन को सुधारने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी काफी असरदार होती हैं। मतलब जो खाना आपको अंदर से ठीक रखे, वही असली हेल्दी खाना होता है, है ना? इनमें जो प्रोबायोटिक्स होते हैं, वो पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और बैलेंस बनाए रखते हैं। इससे गैस, सूजन, या पेट फूलने जैसी जो रोज़मर्रा की टेंशनें होती हैं, वो काफी हद तक कम हो जाती हैं। आप खुद सोचिए एक कटोरी दही खाने के बाद जो ठंडक और सुकून मिलता है, वो किसी एंटी-एसिड टैबलेट से नहीं मिलने वाला। और हां, घर पर बना हुआ फर्मेंटेड खाना हमेशा बेहतर होता है। जैसे मम्मी के हाथ का अचार या सुबह की गरमागरम इडली इनमें जो स्वाद और पोषण होता है, वो बाजार की पैक्ड चीजों में नहीं होता। ऊपर से आप जानते हो उसमें क्या-क्या डाला है, कोई छुपा हुआ प्रिज़र्वेटिव नहीं, कोई एक्स्ट्रा नमक-तेल नहीं। बस सीधा, सादा, और सेहतमंद। जब पेट का मूड थोड़ा गड़बड़ हो, या इम्यूनिटी को बूस्ट करने का मन हो, तो इन पुराने, देसी और असरदार तरीकों को ट्राय करना मत भूलिए। फर्मेंटेड फूड्स छोटे दिखते हैं, लेकिन असर बड़े करते हैं एकदम खामोशी से, लेकिन दिल से।

प्रोबायोटिक्स और फर्मेंटेड फूड्स


11. मसाले और जड़ी-बूटियां (Spices and Herbs)

अब ज़रा बात करते हैं उन चीज़ों की जो हमारे किचन में बड़े आराम से मिल जाती हैं, लेकिन असर ऐसा करती हैं जैसे कोई घरेलू डॉक्टर बैठा हो अंदर। हल्दी, अदरक, लहसुन, दालचीनी, इलायची, तुलसी और अजवाइन ये सारी चीज़ें हमारे खाने का स्वाद तो बढ़ाती ही हैं, साथ में हमारे शरीर को अंदर से भी मज़बूत बनाती हैं। मतलब, ये वो मसाले हैं जो सिर्फ ज़ायका नहीं, ज़िंदगी का बैलेंस भी बनाए रखते हैं। इनमें ऐसे नेचुरल औषधीय गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं, पाचन सुधारते हैं और इम्यूनिटी को एकदम टाइट रखते हैं। अब जैसे हल्दी ये चोट पर लगाओ तो भी असर करे, और दूध में डालो तो भी फायदा ही फायदा। लहसुन और अदरक तो वैसे भी दादी-नानी के नुस्खों में हमेशा टॉप पर रहते हैं। इनका इस्तेमाल सदियों से पारंपरिक इलाज में होता आया है, और आज भी जब कोई हल्की खांसी या सर्दी लगती है तो तुलसी की चाय या अदरक वाला काढ़ा सबसे पहले याद आता है। और वो इलायची खाने के बाद अगर मुंह में रख लो, तो ना सिर्फ फ्रेशनस मिलती है, बल्कि पेट भी खुश हो जाता है।एक और खास बात इनका नियमित सेवन आपको उन छोटी-छोटी बीमारियों से बचा सकता है जो बदलते मौसम के साथ हर किसी को पकड़ लेती हैं। जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी, थकावट या पेट से जुड़ी गड़बड़ियाँ। ये चीज़ें शरीर को धीरे-धीरे अंदर से इतना स्ट्रॉन्ग बना देती हैं कि छोटी मोटी बीमारी आने से पहले ही भाग जाती है। जब आप किचन में कुछ बना रहे हों, इन छोटी-छोटी चीज़ों को हल्के में मत लीजिए। ये जो मसालों का खज़ाना हमारे पास है, वो सिर्फ खाना नहीं, एक पूरा देसी हेल्थ सिस्टम है सस्ता भी, असरदार भी, और भरोसेमंद भी।

मसाले और जड़ी-बूटियां


12. शक्कर और मीठे पदार्थ (Sugars and Sweeteners)

अब चलो बात करते हैं मिठास की वो जो दिल को भी अच्छा लगती है और सेहत को भी नुकसान न करे। गुड़, शहद और खजूर जैसी चीज़ें हमारी पारंपरिक रसोई का हिस्सा रही हैं, और इनके पीछे सिर्फ स्वाद नहीं, पूरा साइंस है। ये तीनों प्राकृतिक मिठास के बेहतरीन स्रोत हैं, जो ना सिर्फ मीठा खाने की तलब को पूरा करते हैं बल्कि साथ में शरीर को कुछ अच्छा भी दे जाते हैं। गुड़ में आयरन होता है, जो खून की कमी से लड़ने में मदद करता है। सर्दियों में गुड़ की रोटी हो या तिल-गुड़ के लड्डू स्वाद और सेहत दोनों का परफेक्ट मेल होता है। शहद की बात करें तो इसमें एन्टीबैक्टीरियल गुण होते हैं, और ये गले की खराश से लेकर स्किन तक के लिए काम आता है। खजूर भी कम नहीं है इसमें फाइबर, आयरन और एनर्जी भरपूर होती है, मतलब मीठा भी और ताकतवर भी। प्राकृतिक शक्कर शरीर को तुरंत ऊर्जा देती है, लेकिन बिना वो नुकसान किए जो प्रोसेस्ड चीनी कर जाती है। प्रोसेस्ड चीनी, यानी वो सफेद चमकदार चीनी जो हम चाय में डालते हैं, धीरे-धीरे शरीर में फैट, मोटापा, और कई हेल्थ इशूज को बुलावा देती है। इसलिए ज़रूरी है कि हम थोड़ी समझदारी दिखाएं और मिठास का सही रास्ता चुनें। जब मीठा खाने का मन करे, तो सोचिए थोड़ा देसी थोड़ा गुड़, थोड़ा शहद या खजूर ले आइए। ना सिर्फ स्वाद मिलेगा, बल्कि सेहत भी मुस्कुराएगी। मीठा हो, तो ऐसा जो अंदर से अच्छा लगे

शक्कर और मीठे पदार्थ

अगर आप इन 12 तरह के खाने को अपनी रोज़ की डाइट में धीरे-धीरे शामिल कर लोगे ना, तो शरीर को लगभग सारे ज़रूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं। मतलब, अलग से कुछ ढूंढने की ज़रूरत नहीं पड़ती। ये सारे फूड्स मिलकर आपके शरीर को एक मजबूत बेस देते हैं, और आपको रोज़ की भाग-दौड़ वाली जिंदगी के लिए फिट बनाए रखते हैं। एक संतुलित आहार ना सिर्फ आपको शारीरिक रूप से बेहतर बनाता है, बल्कि बीमारियों से लड़ने की ताकत भी देता है। और सबसे अच्छी बात ये है कि आपको किसी डाइट ट्रेंड के पीछे भागने की ज़रूरत नहीं बस अपने खाने को थोड़ा सोच-समझ के चुनना है। थोड़ा देसी, थोड़ा हेल्दी, थोड़ा स्मार्ट बस यही है असली फॉर्मूला। शरीर भी खुश, मन भी हल्का, और पेट भी सुकून में।


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